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21 Aug 2024 · 1 min read

कहीं बरसे मूसलाधार ,

कहीं बरसे मूसलाधार ,
तो कहीं सुखा कर दे ।
आखिर यह पक्षपात क्यों ,
अरे बरखा ! कुछ तो समझा दे ।

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