Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2022 · 2 min read

कहीं पे तो होगा नियंत्रण !

कहीं पे तो होगा नियंत्रण !
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

सोचता रहता हूॅं मैं ये हरदम…
कि ‘कहीं पे तो होगा नियंत्रण’!
जिधर अपनी नज़रें घुमाओ…
उधर ही हो रही कुछ अनबन!!

हो भी क्यों नहीं ये अनबन….
हर किसी का अपना तन मन !
जिसे जो भी करता जब मन…
उस बात पे वो ले लेता है प्रण!!

खुद को सब समझता है ज्ञानी ,
जिस किसी ने बात कोई ठानी ,
वहीं से शुरू हो जाती कहानी ,
कभी शैतानी या कुछ मनमानी!!

किसके दिल में क्या है कौन जाने ,
हज़ार तरह के ढूंढते हैं वो बहाने…
खुद के नफ़ा नुकसान को देखकर ,
खिलाते रहते गुल बनाते अफ़साने!!

लोग नक़ाब लगा लगाकर घूमते हैं,
अपना सस्ता शिकार रोज़ ढूंढते हैं,
विभिन्न हथकंडों को वे अपनाते हैं ,
बस, अपना उल्लू सीधा करवाते हैं!!

सर्वत्र कुछ ना कुछ अराजकता है ,
ग़लत सोच की आज व्यापकता है ,
कहाॅं गई वैदिक सभ्यता संस्कृति…
किसी को न कोई समझा सकता है!!

जो जैसे जिसे चाहे ठगते जाते हैं ,
आवारापन की हद करते जाते हैं ,
किसी मासूम को शिकार बनाकर ,
अगला निशाना तय करते जाते हैं!!

छल-कपट, ईर्ष्या-द्वेष के बलबूते ,
उन्नति के शिखर पे चढ़ते जाते हैं !
ग़लत राह पे होती जो कोई अनबन,
तो अपने हाथ मलते ही रह जाते हैं!!

ज़िंदगी अपने हिसाब से वे जीयेंगे ,
कोई भी इनके रास्ते में नहीं पड़ेंगे ,
समाज के नियम कानून वो तोड़ेंगे ,
भ्रष्ट आचरण को संस्कार समझेंगे!!

नियंत्रण कैसे करें इन बुरी चीज़ों पे ,
कैसे पानी फेरा जाए ग़लत मंसूबों पे !
काबू पा सकते हम बेहूदी हरकतों पे…
जो हर कोई इसे अपना दायित्व समझें!!

© अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~ किशनगंज ( बिहार )
@सर्वाधिकार सुरक्षित।
( #स्वरचित_एवं_मौलिक )
दिनांक :- 24 / 07 / 2022.
“””””””‘””””””””🙏”””””””””””””””

Language: Hindi
8 Likes · 4 Comments · 477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"इंसानियत"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम मेरी प्रिय भाषा हो
तुम मेरी प्रिय भाषा हो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हाथ थाम लो मेरा
हाथ थाम लो मेरा
Dr. Rajeev Jain
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
पूर्वार्थ
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
एकाकार
एकाकार
Shashi Mahajan
اور کیا چاہے
اور کیا چاہے
Dr fauzia Naseem shad
'आरक्षितयुग'
'आरक्षितयुग'
पंकज कुमार कर्ण
काश.! मैं वृक्ष होता
काश.! मैं वृक्ष होता
Dr. Mulla Adam Ali
आशा
आशा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
भाई दोज
भाई दोज
Ram Krishan Rastogi
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
gurudeenverma198
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
Acharya Rama Nand Mandal
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
Swami Ganganiya
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
कलेवा
कलेवा
Satish Srijan
16)”अनेक रूप माँ स्वरूप”
16)”अनेक रूप माँ स्वरूप”
Sapna Arora
वो जो मुझको रुलाए बैठा है
वो जो मुझको रुलाए बैठा है
काजू निषाद
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
आप जरा सा समझिए साहब
आप जरा सा समझिए साहब
शेखर सिंह
4911.*पूर्णिका*
4911.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
Pratibha Pandey
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
केशों से मुक्ता गिरे,
केशों से मुक्ता गिरे,
sushil sarna
नया नया अभी उजाला है।
नया नया अभी उजाला है।
Sachin Mishra
Loading...