Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2021 · 1 min read

कहाॅं चली गई छोड़ कर तू !

कहाॅं चली गई छोड़ कर तू !

कहाॅं चली गई छोड़ कर तू ,
क्यों गई मुझ पर बिफर तू ,
कुछ तो होती लगाई अकल तू,
ना करती मुझे इतनी विकल तू,
आ जाओ ना ! आ जाओ ना!!

कुछ बातें दफ्न दिलों में होती हैं ,
किसी को जल्द न समझ आती है ,
संपूर्ण जीवन यूॅं ही गुजर जाती है ,
बात दिल में ही दफ्न रह जाती है!!

जीने का नज़रिया सबका ही अलग है,
दिल मे दबी आग कभी जाती सुलग है,
क्या यूॅं ही कभी शोर मचाता खग-विहग है ?
पंछी के चहचहाने का भी तो कुछ मतलब है!!

तो फिर इंसानों के हर रास्ते क्यों अलग हैं ?
छोटी-छोटी बातों पे वे क्यों जाते भड़क हैं ?
क्यों नहीं हर इंसाॅं के सपनों में होते महक हैं?
क्यों नहीं एक ही साथ हॅंस पड़ते ये जग हैं ??

भले परिस्थतियाॅं लाचार कर देती हों उनको !
हर मोड़ पे ही सीखनी चाहिए, कुछ सबको !
भरोसा अपनों पे रखके , याद करें ईश्वर को !
तो क्यों किसी कलह को देखना पड़े जग को!!

ज़ालिम है ज़माना , नहीं इसे तूने पहचाना !
कहाॅं-कहाॅं भटकेगी तू, लौट के चली आना !
ज़िंदगी की राहों पे बन जाता कभी फ़साना !
कहाॅं चली गई छोड़ के तू, जल्द ही चली आना!!
मेरी बातों को ना ठुकराना,आ जाना! आ जाना!!

© अजित कुमार कर्ण
“”””‘””””””””””””””””””””
???????

Language: Hindi
8 Likes · 1035 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शब्द
शब्द
Ajay Mishra
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नयी उमंगें
नयी उमंगें
surenderpal vaidya
श्याम-राधा घनाक्षरी
श्याम-राधा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
हार से हार
हार से हार
Dr fauzia Naseem shad
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
शिक्षक
शिक्षक
Godambari Negi
जी आजाद इस लोकतंत्र में
जी आजाद इस लोकतंत्र में
gurudeenverma198
3283.*पूर्णिका*
3283.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आकर्षण और मुसाफिर
आकर्षण और मुसाफिर
AMRESH KUMAR VERMA
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अपनी सोच का शब्द मत दो
अपनी सोच का शब्द मत दो
Mamta Singh Devaa
जिंदगी हवाई जहाज
जिंदगी हवाई जहाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"Life has taken so much from me that I'm no longer afraid. E
पूर्वार्थ
आजादी
आजादी
नूरफातिमा खातून नूरी
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
Dr Archana Gupta
The Unseen Dawn: A Tribute to Subhas Chandra Bose
The Unseen Dawn: A Tribute to Subhas Chandra Bose
Mahesh Ojha
"रुदाली"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी कभी
कभी कभी
Mamta Rani
शिव वन्दना
शिव वन्दना
Namita Gupta
मेरी आँखों में देखो
मेरी आँखों में देखो
हिमांशु Kulshrestha
मुफ्त की खुशियां
मुफ्त की खुशियां
Kshma Urmila
.
.
*प्रणय*
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
कवि दीपक बवेजा
होली
होली
Mukesh Kumar Sonkar
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
VINOD CHAUHAN
थक गये चौकीदार
थक गये चौकीदार
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
Vaishaligoel
“जागू मिथिलावासी जागू”
“जागू मिथिलावासी जागू”
DrLakshman Jha Parimal
Loading...