Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2022 · 3 min read

“दीपावाली का फटाका”

दीपावाली की शाम थी. पूरा मोहल्ला दीयों की रौशनी से जगमगा रहा था. सब लोग परिवार सहित आतिशबाजी का आनन्द ले रहे थे, मगर राजाराम जी के घर में शगुन के रूप में सिर्फ 7 दीये ही जलाये गये थे. उनके लडके संजय, बहू शुशीला के चहरे पर एक अजीब तरह की मायूसी छाई हुई थी. उसके दोनों बच्चे अनिल (8 वर्ष) और सुनीता (6 वर्ष) जो कुछ नहीं जानते थे अपनी मस्ती में खोये हुए थे. थोड़ी देर बाद संजय अपनी पत्नी और बच्चों सहित मंदिर जा कर आया तो उसके हाथ में एक फटाके का पैकेट था जो उसके पडौसी अशोक ने बच्चों के लिए दिया था. संजय ने मना करने का प्रयास किया तो वो बोला मैं तुझे नहीं, बच्चों को दे रहा हूँ, मजबूरन उसे लेना पड़ा. घर में अजीब सी शांति थी. राजाराम जी पत्नी सहित पूजा घर में रामचरितमानस का पाठ कर रहे थे.

फटाके देख कर बच्चे उन्हें फोड़ने कि जिद करने लगे. संजय चुप रहने का इशारा करते हुए उन्हें बाहर बरामदे में लाया और उनके सामने एक फटाका फोड़ा. अचानक आई फटाके की आवाज ने घर की शांति भंग कर दी. राजाराम जी की पत्नी माया बडबडाती हुई कमरे से बाहर निकली और बहू पर झल्लाई. ये फटाका किसने फोड़ा, पता नहीं है क्या हमारे ‘शोक’ है. कौन लेकर आया फटाके? बहू कुछ बोलना चाह रही थी मगर सास कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी. अचानक माँ की आवाज सुनकर संजय भी बच्चों सहित घर के अंदर आया तो देखा माँ बहू पर गुस्सा होते हुए बडबडा रही थी कि आज कल के बच्चे किसी भी नियम को नहीं मानते, क्या हो गया जो एक दिन फटाके नहीं फोड़े तो, सारी जिन्दगी पड़ी है फटाके फोड़ने के लिए. परिवार की परम्पराओं को निभाना चाहिए, आज हम लोग ध्यान नहीं रखेंगे तो जब हमारे यहां ऐसा कुछ होगा तो कौन इन नियमों का पालन करेगा. तभी संजय बोला कैसा शोक? माँ आपकी भुवा का जंवाई गुजरा है वो भी 6 महीने पहले! उसका शोक? संजय का इतना बोलना ही घर में तूफ़ान ले आया और सास बहू की जगह बोलचाल माँ बेटे के बीच होने लगी. नये दिन पर घर में कलह होती देख बहू को रोना आ गया उसे रोता देख बच्चे भी रोने लगे. थोड़ी देर पहले जो घर एकदम शांत था एक फटाके कि आवाज ने उसे जंग का मैदान बना दिया. उधर राजाराम जी ने भी उन सब को चुप रहने का इशारा करते हुए ऊँची आवाज में पाठ करना शुरू कर दिया. इधर अब उनकी पत्नी भी रोने लगी. राजाराम जी ने बड़ी मुश्किल से रावण को मरवा कर राम रावण युद्ध का अंत करवाया और अपने घर के कुरुक्षेत्र में प्रवेश किया. आते ही उन्होंने सभी को चुप रहने और बच्चों को चुप करवाने का कहा और कुर्सी पर बैठते हुए अपनी पत्नी को भी बगल वाली कुर्सी पर बैठाया और उसे समझाते हुए कहा- तुम्हे पता है भाग्यवान तुम क्या कर रही हो. पिछले तीन साल से हमारे घर में कोई त्योहार नहीं मनाया गया. हर बार कोई ना कोई बहाना बना कर तुम त्योंहार का मजा किरकिरा कर देती हो. राजाराम जी की पत्नी ने कुछ कहने के लिए मुँह खोलने की कोशिश की मगर राजाराम जी ने उन्हें चुप रहने का इशारा करते हुए अपनी बात जारी रखी और कहा माना पिछले दो साल में जो दुर्घटनाएँ हुई वो हमारे परिवार की थी. तुम्हारी चाचीजी और मेरे मामाजी इसलिए हम सबने तुम्हारा साथ दिया मगर इस बार नहीं. तुम्हारी भुआ का जंवाई, नहीं! बिलकुल नहीं! तभी संजय बोला आपको पता है भुआजी का पूरा परिवार दिवाली की छुट्टीयों में कुल्लू मनाली घुमने गया है. राजाराम जी ने चौंकते हुए आश्चर्य से पूछा ये तुम क्या कह रहे हो तुम्हे किसने बताया. तभी उनकी बहू शुशीला ने अपना मोबाईल आगे करते हुए बताया कि पिछले 3 दिन से अलग अलग जगह का स्टेट्स लगा रहे हैं. तब राजाराम जी ने अपनी पत्नी माया को मोबाईल दिखाते हुए पूछा बोलो अब तुम क्या कहोगी. उनकी पत्नी ने दुःख मिश्रित हंसी हँसते हुए बहू से कहा बाबूजी के लिए चाय बना दे. और संजय से कहा जो भी फटाके लाने हो वो ऐसे लाना जिन्हें मेरी बहू और बच्चे आसानी से फोड़ सके. राजाराम जी ने मोबाईल और अपनी बहू को धन्यवाद देते हुए अपनी पत्नी से कहा चाय पीकर चलो रामचन्द्र जी का राज्याभिषेक भी तो करना है. उनकी पत्नी बोली राज्याभिषेक की तैयारी आप करो मै और बहू राजभोग की तैयारी करते हैं!…

2 Likes · 328 Views

You may also like these posts

औरों के लिए जो कोई बढ़ता है,
औरों के लिए जो कोई बढ़ता है,
Ajit Kumar "Karn"
नाटक
नाटक
Nitin Kulkarni
राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
Lines of day
Lines of day
Sampada
जीवन संध्या में
जीवन संध्या में
Shweta Soni
सपने का अर्थ
सपने का अर्थ
पूर्वार्थ
भोर
भोर
Kanchan Khanna
इण्डिया नहीं भारत है कहना,
इण्डिया नहीं भारत है कहना,
Nitesh Shah
दरख्त
दरख्त
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
अपयश
अपयश
Kirtika Namdev
" सपना "
Dr. Kishan tandon kranti
हमरी बिल्ली हमको
हमरी बिल्ली हमको
Abasaheb Sarjerao Mhaske
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
Ravi Betulwala
Universal
Universal
Shashi Mahajan
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
Sonam Puneet Dubey
#शबाब हुस्न का#
#शबाब हुस्न का#
Madhavi Srivastava
चाय
चाय
Ruchika Rai
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
Rituraj shivem verma
मृत्योत्सव
मृत्योत्सव
Acharya Rama Nand Mandal
दिल टूटा तो दर्द हुआ है
दिल टूटा तो दर्द हुआ है
Dr. Man Mohan Krishna
रावण का पुतला
रावण का पुतला
SURYA PRAKASH SHARMA
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
नदी से जल सूखने मत देना, पेड़ से साख गिरने मत देना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
3477🌷 *पूर्णिका* 🌷
3477🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
..
..
*प्रणय*
Vishva prakash mehra
Vishva prakash mehra
Vishva prakash Mehra
हमनें थोड़ी सी गलती क्या की....................
हमनें थोड़ी सी गलती क्या की....................
$úDhÁ MãÚ₹Yá
दोहा पंचक. . . कागज
दोहा पंचक. . . कागज
sushil sarna
मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...