कहां से कहां आ गए हम….
ये कहां से कहां आ गए हम?
कि फ़िर वो गुज़रा हुआ ज़माना चाहिए।
ज़िंदगी ने इस क़दर कर दिया परेशान,
कि फ़िर कुछ पल हँसने का बहाना चाहिए।
आईनों से थक चुके हम,
बस एक छोटा-सा फ़साना चाहिए।
पैसा तो बहुत कमा लिया,
अब थोड़ा आराम कमाना चाहिए।
थक गए हैं दुनिया से,
अब दुनिया घूमकर आना चाहिए।
जो वापिस कभी नहीं आएंगे,
उन पलों को यादें बनाना चाहिए।
जो वक्त दौड़ने लगा है,
अब उसे चलना सिखाना चाहिए।
ज़िंदगी ने बहुत आज़मा लिया हमें,
अब ज़िंदगी को थोड़ा आज़माना चाहिए।
✍️सृष्टि बंसल