कहाँ हो हे मेरे कृष्ण
कहाँ हो हे मेरे कृष्ण तुम्हें पुकारे दुनिया सारी,
मचा हरसू हाहाकार है धरती पर है आफत भारी।
बढ रहा अधर्म का बोलबाला धर्म बचाने आओ,
मानव करे भ्रूण हत्या और बना है बलात्कारी।
आतंकवाद बढ रहा चैन से न सो पाए कोई,
जरूरत आन पडी है आ जाओ हे कृष्ण मुरारी।
भाई का हक मारे भाई समझे न अब भाईचारा,
हक दिलाने की उनको कर लो जल्दी से तैयारी।
अनेक सुदामा बाट जो रहे दो समृद्धि उनको भी,
हो जाए खुशहाल बने मित्र तुम्हारा जो बनवारी।
होते तुम जिस ओर होती उसकी ही जीत हमेशा,
रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में विनती है यही हमारी।
अशोक कुमार छाबडा
12102016