कसौटी है प्यार की…
कसौटी है प्यार की,
तेरे भी और मेरे भी,
तुझे तो सिर्फ अपनाना है,
मुझे तो खुद को समझना है …
राह में न जाने कितनी मुश्किल है,
मुझे तो उसकी खामियों को अपनाना है,
उसे अपना कर समजाना है,
समजा कर शायद दूर कर देना है …
मुझे नही पता मुझे क्या करना है,
लेकिन ये कसोटी है प्यार की,
तेरे भी और मेरे भी …
सागर की सतह पर,
कितनी हलचल होनी है,
शांत दिखने वाली लहरे,
उछल कर किनारे से टकरानी है,
टकरा कर बिखेर देगी खुदको,
समझाकर खुद को,
उसी पाणी मे घूल जानी है,
ये बात समाझानी है,
कसोटी है प्यार की,
तेरे भी और मेरे भी …
यही बात दिलको समझानी है,
खुदको खोकर उसे पाना है,
मिटी लकीरे तराशनी है,
कसोटी है प्यार की,
तेरे भी और मेरे भी,
यही बात समझानी है …
क्या चालू है,
ना कोई किस्सा था
ना कोई कहानी,
हम खोये रहे उनकी याद में,
और दास्तान बन गई …
कसौटी है प्यार की,
तेरे भी और मेरे भी।