कश्मीर हमारा है
सदियों से लहू बहायें हैं
बगिया को खूब सजाये हैं
फैला है आतंक तो क्या
सबको मार भगायें हैं॥
कश्मीर हमारा था पहले भी
हमारा आज रहेगा भी
दूर इसे नहीं कर पायेगा
जोर लगायेगा कितना भी॥
ऐसे कैसे हम जानें देगें
प्राण निछावर कर देगें
दृढ़ संकल्प किये हैं हम
देश से अलग ना होने देगें॥
चिला रहा क्यों पाकिस्तान
कश्मीर मेरा है एक जहान
इसपर आँख दिखायेगा तो
बना देगें तुझे कब्रिस्तान॥
@रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’
कान्हपुर कर्मनाशा कैमूर बिहार