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7 Jan 2022 · 1 min read

कश्मकश

कभी कभी ऐसा लगता है
जैसे कुछ कमी है ज़िंदगी में, सब कुछ है।
पर कुछ है जो नहीं है।
वो कुछ जो शायद खुद को भी न पता
कुछ ऐसा जो ख़ुशी से जुदा
कुछ प्यारा कुछ बेहद अज़ीज़
कुछ अनमोल कुछ हक़ीक़त से परे
क्या है वो कुछ……….
बस इसी सिलसिले में एक तलाश जारी है
खुद की ख़ुद से ही बात जारी है
ऐसी ही हूं कुछ अजीब सी मैं..…….
तन्हाइयों में तभी शायद मुलाक़ात जारी है

✍️✍️ रश्मि गुप्ता @ Ray’s Gupta

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 418 Views
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