Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2017 · 1 min read

*** कश्तियाँ ****

कश्तियाँ
किनारे
आती आती
डूब जाती है
उनकी
जिन्हें
मंजिल तक
पहुंचने का
होंसला नहीं
वो सोचते है
कि
मैं किनारे तक
पहुंचूंगा
कि नही
इसी
उधेड़बुन में
वे
अपनी
मंजिल से
भटक जाते है
शायद
इसीलिए
वे
मंजिल तक
नहीं
पहुंच पाते है
और
बीच मझधार
में
डूब जाते हैं ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
महिला दिवस पर एक व्यंग
महिला दिवस पर एक व्यंग
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रभु की शरण
प्रभु की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*लगे जो प्रश्न सच, उस प्रश्न को उत्तर से हल देना 【मुक्तक】*
*लगे जो प्रश्न सच, उस प्रश्न को उत्तर से हल देना 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
आगोश में रह कर भी पराया रहा
आगोश में रह कर भी पराया रहा
हरवंश हृदय
कल्पना एवं कल्पनाशीलता
कल्पना एवं कल्पनाशीलता
Shyam Sundar Subramanian
पत्रकार
पत्रकार
Kanchan Khanna
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*ढूंढ लूँगा सखी*
*ढूंढ लूँगा सखी*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
.
.
शेखर सिंह
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं घर आंगन की पंछी हूं
मैं घर आंगन की पंछी हूं
करन ''केसरा''
अमरत्व
अमरत्व
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
छपास रोग की खुजलम खुजलई
छपास रोग की खुजलम खुजलई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
DrLakshman Jha Parimal
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
हार पर प्रहार कर
हार पर प्रहार कर
Saransh Singh 'Priyam'
दोस्ती....
दोस्ती....
Harminder Kaur
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
सच कहना जूठ कहने से थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इसे कहने म
ruby kumari
हमारी संस्कृति में दशरथ तभी बूढ़े हो जाते हैं जब राम योग्य ह
हमारी संस्कृति में दशरथ तभी बूढ़े हो जाते हैं जब राम योग्य ह
Sanjay ' शून्य'
2667.*पूर्णिका*
2667.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
"ये कैसा जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
कैमरे से चेहरे का छवि (image) बनाने मे,
कैमरे से चेहरे का छवि (image) बनाने मे,
Lakhan Yadav
🙅घनघोर विकास🙅
🙅घनघोर विकास🙅
*Author प्रणय प्रभात*
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
अगर कोई आपको मोहरा बना कर,अपना उल्लू सीधा कर रहा है तो समझ ल
विमला महरिया मौज
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
हार स्वीकार कर
हार स्वीकार कर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
Loading...