*कवि की शक्ति*
कवि की शक्ति
लेखनी चलाकर,
संसार हिला सकते हैं।
शब्दों से भावों के,
ज्वार उठा सकते हैं।
मन की सरिता,
जब निर्बाध बहाते हैं।
हर शब्द को चिंगारी से
मशाल बना सकते हैं।।
आभा पाण्डेय
कवि की शक्ति
लेखनी चलाकर,
संसार हिला सकते हैं।
शब्दों से भावों के,
ज्वार उठा सकते हैं।
मन की सरिता,
जब निर्बाध बहाते हैं।
हर शब्द को चिंगारी से
मशाल बना सकते हैं।।
आभा पाण्डेय