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22 Feb 2021 · 1 min read

**कवि का स्वभाव, समझे भाव **

कवि हृदय कोमल होता, समाज में ही वह रहता है।
सुनता, देखता जब अव्यवस्थाओ का शोर,
भीतर ही भीतर, तब वह रोता है।।
निकल पड़ती है ,उर से कविता कल्याणी ।
लेखनी उठा,कागज पर लिखता रहता है।।
सच सच ही तो ,वह कहता है।
भावो को उसके समझने वाला,
उसकी भावनाएं ,समझता है।
मानो कवि की बात,समझो उसके जज्बात।
दोहरा चरित्र कवि का, कब होता है।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
2 Likes · 890 Views
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