कवि और कविता
भावों को शब्दों में ढाल के
रखें सबके सम्मुख साक्षात
दुनिया भर वो शख्स होते
कवि के रूप में ही प्रख्यात
कविता होती है भावनाओं
की ही संघनित शब्द पुंज
श्रोता के मन को झिंझोड़
समाज में पैदा करती गूंज
भावों को शब्दों में ढाल के
रखें सबके सम्मुख साक्षात
दुनिया भर वो शख्स होते
कवि के रूप में ही प्रख्यात
कविता होती है भावनाओं
की ही संघनित शब्द पुंज
श्रोता के मन को झिंझोड़
समाज में पैदा करती गूंज