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19 Jul 2024 · 1 min read

“कविता”

“कविता”
फूटती है कविता
बेचैनी औ’ बेकरारी से,
एक अनुभूति
सामाजिक चेतना
और जिम्मेदारी से।

2 Likes · 2 Comments · 47 Views
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