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18 May 2024 · 1 min read

कविता

कविता भी होती सरल
जैसे जल होता तरल
पढ़ मन न होता विह्वल
दिल करे पढ़ने हर पल
मिलन हो जाता सरल
गर कविता न होती सरल
ओम् कैसे पाते
हर समस्या का हल

ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश

Language: Hindi
56 Views
Books from ओमप्रकाश भारती *ओम्*
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