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21 Mar 2017 · 1 min read

कविता

और दर्द दो

तुम मुझे
और दर्द दो
और ज़ख्म दो
और दो पीड़ा

ये तो तुम्हें लगता है…
कि तुम दर्द दे रहे हो
ज़ख्म दे रहे हो

असल में
हर दर्द के साथ
देते हो मुझे
तुम एक कविता भी…

मंजूषा मन

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 604 Views

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