कविता
क्षेत्र का खूबै करब विकास
जीति जइबै ना अइबै पास
करै नेता नकटा दिन राति।
बकावै वोटरन का हरि भांति।।
बड़ा कमजोर बना असहाय।
गाय गोरु जैसे चिल्लाय।।
सबै जीतै की नीरज आस।
क्षेत्र का खूबै करब विकास
क्षेत्र का खूबै करब विकास
जीति जइबै ना अइबै पास
हर जगह चलै माफिया राज।
कोढ़ मा जैसे होइगा खाज।।
बतावै स्वच्छ चरित्र समाज।
न भाषण देति म् आवै लाज।।
विरोधिक देइँ मुकदमम फ़ांस
क्षेत्र का खूबै करब विकास
28 जनवरी हिंदुस्तान