कविता
दिल खोल कर रख दिया तुने
सूनी पडी जिन्दगी मे
मोहब्बत से तेरी शरोबार हो गया हू
मिलती रही साँस दर साँस चाहत तेरी इस कदर
तेरी दिवानगी का आदी हो गया हूँ।
मेरी हर साँस मे तु , हर ख्वाब मे तु।
याद मे तु, हर बात मे तु ।
पहली अजान कि दूआ तु,
हर खूशी कि मुस्कान तु।
जिस तरह बै मौसम बारीश सुखे पत्तो पर आवाज करती है,,,
तु बिन बोले ही मुझसे इस कदर बात करती है।
तेरे एहसास मे सिमट सा गया हूँ,
कभी न सुलझे ऐसे बंधन मे उलझ सा गया हूँ।
साथ तेरा बस प्यार, विश्वास और सूकुन भरी जिन्दगी है,
मैं तेरी और तु मैरी बंदगी है।
,,,,, सोनु सुगंध,,,,,,, २५/०८/२०१८