Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2023 · 1 min read

कविता : शेरोंवाली माँ

माँ दुर्गा अष्टभुजाधारी।
मन को भाए सिंह सवारी।।
अग्नि सूर्य अरु चंद्र तुम्हारे।
नैन त्र्यम्बके तीन सँवारे।।

महिषासुर को मार गिराया।
नाम तभी माँ दूर्गा पाया।।
भक्तजनों की रक्षा करती।
पीर सभी की पल में हरती।।

अष्ट भुजाएँ अष्ट दिशाएँ।
सभी दिशा में दर्शन पाएँ।।
शक्ति स्वरूपा दूर्गा माता।
भक्ति करे वह फल है पाता।।

तलवार चक्र शंख कमल कर।
धनुष गदा अरु त्रिशूल रखकर।।
शेरोंवाली माँ चलती है।
शक्ति सभी माता रखती है।।

#आर. एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित रचना

Language: Hindi
2 Likes · 57 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
डी. के. निवातिया
কেণো তুমি অবহেলনা করো
কেণো তুমি অবহেলনা করো
DrLakshman Jha Parimal
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---9. || विरोधरस के आलम्बनों के वाचिक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
*अर्ध-विराम सही स्थान पर लगाने का महत्व*
*अर्ध-विराम सही स्थान पर लगाने का महत्व*
Ravi Prakash
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चंद तारे
चंद तारे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
23-निकला जो काम फेंक दिया ख़ार की तरह
23-निकला जो काम फेंक दिया ख़ार की तरह
Ajay Kumar Vimal
आँशुओ ने कहा अब इस तरह बहा जाय
आँशुओ ने कहा अब इस तरह बहा जाय
Rituraj shivem verma
कितना और सहे नारी ?
कितना और सहे नारी ?
Mukta Rashmi
अपने वजूद की
अपने वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
इस दरिया के पानी में जब मिला,
इस दरिया के पानी में जब मिला,
Sahil Ahmad
जिंदगी एक आज है
जिंदगी एक आज है
Neeraj Agarwal
पंचायती राज दिवस
पंचायती राज दिवस
Bodhisatva kastooriya
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
sushil sarna
2861.*पूर्णिका*
2861.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
VINOD CHAUHAN
"मीरा के प्रेम में विरह वेदना ऐसी थी"
Ekta chitrangini
*सवाल*
*सवाल*
Naushaba Suriya
कुछ लोग कहते हैं कि मुहब्बत बस एक तरफ़ से होती है,
कुछ लोग कहते हैं कि मुहब्बत बस एक तरफ़ से होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
दरोगवा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
Raju Gajbhiye
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
gurudeenverma198
"उतावलेपन" और "बावलेपन" में कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं होता। दोनों "द
*प्रणय प्रभात*
'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa'
'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa'
Vijay kumar Pandey
"तिलचट्टा"
Dr. Kishan tandon kranti
मातृ भाषा हिन्दी
मातृ भाषा हिन्दी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जर्जर है कानून व्यवस्था,
जर्जर है कानून व्यवस्था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...