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18 May 2018 · 1 min read

कविता – माँ

माँ

माँ दृष्टि है , माँ सृष्टि है ,
माँ जीवन , आनंद वृष्टि है ।

माँ निष्ठा है , माँ प्रतिष्ठा है ,
माँ सृष्टा है , माँ द्रष्टा है ।

माँ हर्ष है , माँ उत्कर्ष है ,
माँ संघर्ष है , माँ आदर्श है ।

माँ पूर्णा है , माँ करुणा है ,
माँ अरूणा है , माँ सम्पूर्णा है ।

माँ सजल है , माँ कमल है ,
माँ अमल है , माँ सफल है ।

माँ चंदन है , माँ उपवन है ,
माँ गुंजन है , माँ वंदन है ।

माँ जन्नत है , माँ मन्नत है ,
माँ अस्मत है , माँ खिदमत है ।

माँ सरल है , माँ तरल है ,
माँ अविरल है , माँ विमल है ।

माँ सबल है , माँ अचल है ,
माँ संबल है , माँ निश्छल है ।

माँ रतन है , माँ जतन है ,
माँ मनन है , माँ वतन है ।

माँ मगन है , माँ लगनहै ,
माँ चमन है , माँ नमन है ।

माँ ममता है , माँ क्षमता है ,
माँ समता है , माँ चलता है ।

माँ नरम है , माँ परम है ,
माँ चरम है , माँ धरम है ,

माँ भक्ति है , माँ शक्ति है ,
माँ युक्ति है , माँ मुक्ति है ।

कवि – सुनील नागर

Language: Hindi
396 Views
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