कविता क्या है ?
विश्व कविता दिवस पर एक पुरानी रचना सादर प्रेषित
कविता क्या है?
सुबह के सूर्य से लेकर, निशा का चाँद है कविता
भरे रस छन्द हैं जिसमें, मधुर सा स्वाद है कविता
विरह की वेदना संवेदना श्रंगार है कविता
भरी जो भावना उर में, वही उद्गार है कविता
लिखी जो पन्त दिनकर ने, ह्रदय का प्यार है कविता
भरे जो दर्द घावों को, वही उपचार है कविता
कड़ी सी धूप में मिलती, वही इक छांव है कविता
पढ़े कोई कभी इसको, मिले जो चाव है कविता
बहे जो नैन से आंसू, उसी का सार है कविता
जुड़े जब शब्द श्रेणी में, बनी आकार है कविता
रुला दे जो किसी को भी, वही रसधार है कविता
लिखी कवि ने हुई तब कल्पना के पार है कविता
नवांकुर जिंदगी की ये, प्रथम इक राह है कविता
दिवानों के दिलों की ये, सदा ही चाह है कविता
वियोगी के हृदय निकली करुण चीत्कार है कविता
बहे नदियों में कल कल जो वही जलधार है कविता
अधर मुस्कान खिल जाए वही तो हास है कविता
किसी के जन्म से लेकर के’ अंतिम साँस है कविता
■अभिनव मिश्र”अदम्य”
शाहजहांपुर,उत्तरप्रदेश