उम्र घटने लगी
उम्र घटने लगी, साँस थामने लगी,
है बची ज़िंदगी आखिरी ……..
देव जाने नहीं, शास्त्र जाने नहीं,
नहीं जानी गुरु की है, महिमा कभी,
अब क्या होगा प्रभो, अब क्या होगा विभो,
टूटने जब लगी, साँस की है लड़ी …
निज को जाना नहीं, पर को त्यागा नहीं,
नहीं सोचा कभी, क्यों मिली ज़िंदगी,
अब क्या होगा प्रभो ?अब क्या होगा विभो ?
वो दिन कब आएगा , वो दिन कब आएगा ?
हम भी चल देंगे जब, श्री गुरु की गली,
अष्ट कर्मों का प्रभु कर लेंगे गलन,
तब ही पा जाएँगे, रत्नत्रय की निधि,
उम्र घटने लगी , साँस थमने लगी …….