कल मैंने
कल मैंने चाँद संग,
चाँदनी को देखा है ।
मेघ घटा संग,
दामिनी को देखा है ।
गूँज रहा है आलम में आलाप,
राग संग रागिनी को देखा है ।
जयन्ती प्रसाद शर्मा, दादू ।
२७/11/२०२२
कल मैंने चाँद संग,
चाँदनी को देखा है ।
मेघ घटा संग,
दामिनी को देखा है ।
गूँज रहा है आलम में आलाप,
राग संग रागिनी को देखा है ।
जयन्ती प्रसाद शर्मा, दादू ।
२७/11/२०२२