कल कोई और आयेगा
गुजर जायेगा वकत
और इतिहास बन जायेगा
आज हम लिख रहें हैं यहां
कल कोई और लिखने आयेगा……
लेख्नी हो ऐसी कि
कुछ मूकाम बन जायेगा
आज मैने सम्झाया है
कल वो आने वाला भी समझा जायेगा…….
लिखने में बडा जोश हो
जो सम्झ में आ ही जायेगा
मैने की थी पूरी कोशिश
ना मालूम किस किस की सम्झ में आयेगा…..
कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ