कल के नायक आज बनेंगे
सदगुण अगर बालक पाएगा
तभी दुर्गुणों से दूर रह पाएगा
संस्कृति को अगर जान पाएगा
तभी संस्कृति को सम्मान दिलाएगा
संस्कार जो बचपन में मिलेंगे
वही युवावस्था में परिलक्षित करेंगे
आज ही ज्ञान का जब आगाज़ करेंगे
तभी कल के नायक आज बनेंगे