कल के दुःखों को, अब आज का दुःख न कर l
कल के दुःखों को, अब आज का दुःख न कर l
स्वर्ग में रह कर, धरती तरफ रुख न कर ll
जो है काफी है समझ, और सुखी रह l
जो न जीवन जरूरत, उसे भूख न कर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
कल के दुःखों को, अब आज का दुःख न कर l
स्वर्ग में रह कर, धरती तरफ रुख न कर ll
जो है काफी है समझ, और सुखी रह l
जो न जीवन जरूरत, उसे भूख न कर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”