कल आज और कल
कल को जाना,
आज को जीना,
सुखद कल की चाह,
कल आज और कल,
….
कल जो बीत गया,
पल पल जिसे जीया,
क्या खोया, क्या पाया,
भविष्य संजोया,
…….
कल ने जो दबाव बनाया,
वह उनका जमाना गया जाया,
वह उस समय की रेख थी,
खुद को सुविधाओं से लैश पाया,
…….
जन्म दर अधिक, मृत्यु दर अधर,
विज्ञान के सह सामंजस्य सफ़र,
दोनों दर बदर, देखे साफ असर,
बरस रहा, अतिरेक का कहर,
……
कल आज और कल,
जीओ पल पल,
जीवन होगा सफल,
रूक जायेंगे कत्ल,
कल आज और कल,
……
दुख देते हैं गुजरे हुए पल,
पल पल में जीये हो जाओ सफल,
निधि है आने वाला कल,
बन जाये बेटा हो, बेटी के अपने अपने कपल,
……
जाता है, जाने दो,
लौट कर आयेगा,
उससे भी हसीन पल,
नहीं करेगा कोई छल,
…..
मन भया जुग भया,
डरा सो मर गया,
देखें बिन इधर उधर,
बीत गया वो कल,
हसीन होगा आने वाला पल.
….।।।।…..