Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2024 · 1 min read

कल आज और कल

कल को जाना,
आज को जीना,
सुखद कल की चाह,
कल आज और कल,
….
कल जो बीत गया,
पल पल जिसे जीया,
क्या खोया, क्या पाया,
भविष्य संजोया,
…….
कल ने जो दबाव बनाया,
वह उनका जमाना गया जाया,
वह उस समय की रेख थी,
खुद को सुविधाओं से लैश पाया,
…….
जन्म दर अधिक, मृत्यु दर अधर,
विज्ञान के सह सामंजस्य सफ़र,
दोनों दर बदर, देखे साफ असर,
बरस रहा, अतिरेक का कहर,
……
कल आज और कल,
जीओ पल पल,
जीवन होगा सफल,
रूक जायेंगे कत्ल,
कल आज और कल,
……
दुख देते हैं गुजरे हुए पल,
पल पल में जीये हो जाओ सफल,
निधि है आने वाला कल,
बन जाये बेटा हो, बेटी के अपने अपने कपल,
……
जाता है, जाने दो,
लौट कर आयेगा,
उससे भी हसीन पल,
नहीं करेगा कोई छल,
…..
मन भया जुग भया,
डरा सो मर गया,
देखें बिन इधर उधर,
बीत गया वो कल,
हसीन होगा आने वाला पल.
….।।।।…..

Language: Hindi
22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
*बेचारे लेखक का सम्मान (हास्य व्यंग्य)*
*बेचारे लेखक का सम्मान (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
Dr. Sunita Singh
"शब्दों का सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
तस्मात् योगी भवार्जुन
तस्मात् योगी भवार्जुन
सुनीलानंद महंत
अच्छी लगती धर्मगंदी/धर्मगंधी पंक्ति : ’
अच्छी लगती धर्मगंदी/धर्मगंधी पंक्ति : ’
Dr MusafiR BaithA
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
Sunita
'मरहबा ' ghazal
'मरहबा ' ghazal
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बे-फ़िक्र ज़िंदगानी
बे-फ़िक्र ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
4238.💐 *पूर्णिका* 💐
4238.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
विश्वास
विश्वास
Bodhisatva kastooriya
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
क्युँ हरबार ये होता है ,
क्युँ हरबार ये होता है ,
Manisha Wandhare
"शिष्ट लेखनी "
DrLakshman Jha Parimal
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीर्षक: पापी मन
शीर्षक: पापी मन
Harminder Kaur
अधूरी तमन्ना (कविता)
अधूरी तमन्ना (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
प्रेम
प्रेम
Satish Srijan
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
समय का निवेश:
समय का निवेश:
पूर्वार्थ
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
Lokesh Sharma
बाल कविता: मोर
बाल कविता: मोर
Rajesh Kumar Arjun
करके ये वादे मुकर जायेंगे
करके ये वादे मुकर जायेंगे
Gouri tiwari
एक मेरे सिवा तुम सबका ज़िक्र करती हो,मुझे
एक मेरे सिवा तुम सबका ज़िक्र करती हो,मुझे
Keshav kishor Kumar
तनहाई के दौर में,
तनहाई के दौर में,
sushil sarna
सच्ची होली
सच्ची होली
Mukesh Kumar Rishi Verma
Loading...