Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

कल्पना

अल्प ना है कल्पना, बड़ी विशाल कल्पना ।
मोक्ष को है खोजती, यही तो नाम कल्पना ।।

हँसी जवान कल्पना, हृदय गति है कल्पना ।
रुके नहीं कुछ यहां, यही तो काम कल्पना ।।

गति बड़ी है तीव्र ये, करे ना कोई कल्पना ।
हँसी मजाक जो करे, हँसी है उसकी कल्पना ।।

स्नेह से भरी हुई और ममतामयी कल्पना ।
सोच जो भी हो तुम्हारी, सृष्टी मे वो कल्पना ।।

एक पल मे नाप ले, सृष्टी को है जो कल्पना ।
बडी अजीब कल्पना, हाथ मे ना कल्पना ।।
=============================
“ललकार भारद्वाज”

Language: Hindi
1 Like · 293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ललकार भारद्वाज
View all
You may also like:
कुछ हकीकत कुछ फसाना और कुछ दुश्वारियां।
कुछ हकीकत कुछ फसाना और कुछ दुश्वारियां।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
23/64.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/64.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
फूल
फूल
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सब्जी के दाम
सब्जी के दाम
Sushil Pandey
विश्वास🙏
विश्वास🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तब तात तेरा कहलाऊँगा
तब तात तेरा कहलाऊँगा
Akash Yadav
आदमी
आदमी
अखिलेश 'अखिल'
"अमीर"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
पूर्वार्थ
किताबों वाले दिन
किताबों वाले दिन
Kanchan Khanna
कहूँ तो कैसे कहूँ -
कहूँ तो कैसे कहूँ -
Dr Mukesh 'Aseemit'
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
Ranjeet kumar patre
Remembering that winter Night
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अ ज़िन्दगी तू ही बता..!!
अ ज़िन्दगी तू ही बता..!!
Rachana
गजलकार रघुनंदन किशोर
गजलकार रघुनंदन किशोर "शौक" साहब का स्मरण
Ravi Prakash
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
Shubham Anand Manmeet
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
हीरो बन जा
हीरो बन जा
मधुसूदन गौतम
“पसरल अछि अकर्मण्यता”
“पसरल अछि अकर्मण्यता”
DrLakshman Jha Parimal
🙅पहचान🙅
🙅पहचान🙅
*प्रणय प्रभात*
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
Monika Arora
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
Rj Anand Prajapati
हौसलों कि उड़ान
हौसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आज  उपेक्षित क्यों भला,
आज उपेक्षित क्यों भला,
sushil sarna
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो
gurudeenverma198
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Chaahat
हाइकु - 1
हाइकु - 1
Sandeep Pande
Loading...