Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2024 · 1 min read

“कला”

“कला”
कला प्रस्फुटित होती है
हृदय की कोमलता से
अन्तर्मन की गहराई से,
वह स्थापित करती है
सौन्दर्य को, सत्य को
प्रेम और भक्ति को
साधना की ऊँचाई से।

3 Likes · 3 Comments · 110 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

अनंत की ओर _ 1 of 25
अनंत की ओर _ 1 of 25
Kshma Urmila
कशमकश
कशमकश
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
तुम हरदम ही कमाल करते हो
तुम हरदम ही कमाल करते हो
Jyoti Roshni
मित्रता अमर रहे
मित्रता अमर रहे
Rambali Mishra
" कटु सत्य "
DrLakshman Jha Parimal
आज के युवा।
आज के युवा।
अनुराग दीक्षित
रुदंन करता पेड़
रुदंन करता पेड़
Dr. Mulla Adam Ali
टाईम पास .....लघुकथा
टाईम पास .....लघुकथा
sushil sarna
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मोहभंग बहुत जरूरी है
मोहभंग बहुत जरूरी है
विक्रम कुमार
4410.*पूर्णिका*
4410.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
*प्रणय*
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
डॉ. दीपक बवेजा
- दुनिया में मोहब्बत नही होती तो क्या होता
- दुनिया में मोहब्बत नही होती तो क्या होता
bharat gehlot
तुम तो दमदार फुलझड़ी
तुम तो दमदार फुलझड़ी
Manoj Shrivastava
पिता
पिता
Sanjay ' शून्य'
कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा।
कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा।
श्रीकृष्ण शुक्ल
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
Rituraj shivem verma
वेदना में,हर्ष  में
वेदना में,हर्ष में
Shweta Soni
सुखी कौन...
सुखी कौन...
R D Jangra
चाह
चाह
Dr. Rajeev Jain
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
श्री कृष्ण जन्माष्टमी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
Anil Mishra Prahari
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
Neelam Sharma
विडम्बना और समझना
विडम्बना और समझना
Seema gupta,Alwar
कोई ख़तरा, कोई शान नहीं
कोई ख़तरा, कोई शान नहीं"
पूर्वार्थ
"दोस्ती-दुश्मनी"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...