Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2018 · 1 min read

” कलाम सा नाम करें “

“नाविक के बेटे थे वो ख़्वाबों का समंदर भरते थे,
भारत की प्रगति के सपने बचपन से देखा करते थे,
देश को मजहब से ऊपर कलाम सदा समझते थे,
गीता कुरान दोनों हाथों में, भारत को जुबां पर रखते थे,
शरीयत की बातों में खुद का ना वो उलझाये,
कलम उठाकर अग्निपंख से अंतरिक्ष को नाप दिखाए,
टोपी, तिलक, धर्म रंगों के भेद से बाहर मस्त रहे,
पाखंडो से दूर सदा मिसाइलों में ही व्यस्त रहे,
आकर्षक व्यक्तित्व था उनका, सरल स्वभाव वो रखते थे,
कभी नही ग़फ़लत में लेटे,संतो के चरणों में बैठा करते थे,
मिसाइल मेन कहलाये भारत की वो शान रहे,
लाखों दिलों में जगह बनाया मानवता की मान रहे,
जाति- धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कुछ काम करे,
मरकर भी जो अमर रहेंगे उन कलाम सा नाम करें”

Language: Hindi
388 Views

You may also like these posts

गर्मी और नानी का आम का बाग़
गर्मी और नानी का आम का बाग़
अमित
दीवारों के कान में
दीवारों के कान में
Suryakant Dwivedi
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
राम वन गमन -अयौध्या का दृश्य
राम वन गमन -अयौध्या का दृश्य
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
हवन
हवन
Sudhir srivastava
लिखने मात्र से 'इंडिया' नहीं बन सकता 'भारत' कहने से नहीं, अपनाने से होगी हिंदी की सार्थकता
लिखने मात्र से 'इंडिया' नहीं बन सकता 'भारत' कहने से नहीं, अपनाने से होगी हिंदी की सार्थकता
सुशील कुमार 'नवीन'
3211.*पूर्णिका*
3211.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ईश्वर का धन्यवाद करो
ईश्वर का धन्यवाद करो
Akash Yadav
जाॅं भी तुम्हारी
जाॅं भी तुम्हारी
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
अक्षर ज्ञानी ही, कट्टर बनता है।
अक्षर ज्ञानी ही, कट्टर बनता है।
नेताम आर सी
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इ सभ संसार दे
इ सभ संसार दे
श्रीहर्ष आचार्य
पहचान
पहचान
Shweta Soni
दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में
दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में
Ashwini sharma
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Harminder Kaur
सुविचार
सुविचार
Neeraj Agarwal
चिंतन...
चिंतन...
ओंकार मिश्र
+जागृत देवी+
+जागृत देवी+
Ankit Halke jha
Vimochan
Vimochan
Vipin Jain
” क्या फर्क पड़ता है ! “
” क्या फर्क पड़ता है ! “
ज्योति
माया
माया
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
मुक्तक – रिश्ते नाते
मुक्तक – रिश्ते नाते
Sonam Puneet Dubey
धुंध में लिपटी प्रभा आई
धुंध में लिपटी प्रभा आई
Kavita Chouhan
हमारी लता दीदी
हमारी लता दीदी
संजीवनी गुप्ता
"दिल में"
Dr. Kishan tandon kranti
बालबीर भारत का
बालबीर भारत का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
■ जल्दी ही ■
■ जल्दी ही ■
*प्रणय*
जज़्बात पिघलते रहे
जज़्बात पिघलते रहे
Surinder blackpen
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
Sunil Maheshwari
মা মনসার গান
মা মনসার গান
Arghyadeep Chakraborty
Loading...