कलयुगी माताएं
अब कहां जन्नती ,
देश हेतु संतानें ,
अब जन्नती स्वयं स्वार्थ ,
हेतु कलयुगी माएं।
गर्भावस्था में जो ,
हिंसक अश्लील फिल्में देखें,
और पार्टियों में नशा करें।
संस्कार और संस्कृति ,
किस चिड़िया का नाम है भाई !
वेद पुराण और रामायण पढ़ें,
क्या इनकी शामत आई ।
टीवी में सास बहू के नाटक देखें ,
गृह कलह की जिन्होंने पट्टी पढ़ाई ।
ऐसे में ऐसी अति आधुनिक और ,
शातिर किस्म की नारियों की कोख से ,
धर्मात्मा और सज्जन संतान का ,
जन्म लेना असंभव है भाई !
जन्म देकर ऐसी निकृष्ट संतानों को ,
इनको कौन सा लाभ मिला ?
कुसंस्कारी संतानों की काली करतूतों से ,
सदा दुनिया में ऐसी स्वार्थी माताओं का ,
नाम ही बदनाम हुआ ।
परंतु यह करें भी क्या ! कौन इनको ,
आईना दिखाए।
यह तो है घोर कलयुग ,
और यह है आज की सदी की ,
कलयुगी माताएं ।