कलम
कमल होता कोमल कलम होती तेज,
अच्छे-अच्छे महावीर की भी सजा देती सेज ।
कई गुणों से परिपूर्ण ,
शक्ती है इसमें संपूर्ण ।
इसका एक चिन्ह मात्र ,
घुमा दे पूरे समंदर सात।
कई को बना दिया दिया राजा ,
कई लोगों को रंक।
इसके इतने बोल बाले ,
इसके बिना कोई अपना व्यापार ना खोलें।
कई को पहुंचा दिया इसने थाना ,
कई को खिला रही है खाना ।
हो जाए अगर यह क्रुद्ध,
तो हो जाए विश्व युद्ध।
बड़े बड़े फैसले लेकर,
हो गई स्वयं ढेर ।
विद्वानों की है शान ,
बच्चों की है पहचान ।
जिंदगी हमारी अधूरी
अगर यह नहीं होगी।