” कलम “
” कलम ”
कभी शौर्य का भाव जगाती कलम,
कभी क्रान्ति की चिंगारी फैलाती कलम।
कभी रोटी-पानी की मांग उठाती कलम,
कभी शिकायतें ऊपर पहुँचाती कलम।
” कलम ”
कभी शौर्य का भाव जगाती कलम,
कभी क्रान्ति की चिंगारी फैलाती कलम।
कभी रोटी-पानी की मांग उठाती कलम,
कभी शिकायतें ऊपर पहुँचाती कलम।