कलम नही लिख पाया
है दुनियाँ मे इतना गम भरा
लिखने चली जो मै इसे
शब्द नही मुझे मिल पाया
लिखने कि कोशिश की मैने
पर यह कलम नही लिख पाया
ठहर गया वह दर्द को लिखते – लिखते
क्या करे वह दर्द की
गहराई तक न पहुँच पाया
लगाकर गोते दर्द की गहराई में
वह खुद को सम्भाल न पाया
था इतना गम भरा दुनियाँ में
वह डूबने से खुद को बचा न पाया ।
~अनामिका