कलम-दान
सामान्यतः कलमदान का अर्थ- कलम रखने का पात्र होता है। लेकिन किसी को कलम भेंट करना अथवा शब्द-पुष्प अर्पित करना भी ‘कलम-दान’ है। ज्ञान-दान को भी कलम-दान की परिधि में रखा जा सकता है।
आज कलमदान करने की जरूरत है। दुर्गम अथवा आदिवासी क्षेत्र जहाँ शिक्षा का ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं है, वहाँ के लोगों को कलम भेंट कर शिक्षा के महत्व से परिचित कराया जा सकता है। कलम-दान को एक अभियान के रूप में संचालित कर साक्षरता के प्रचार-प्रसार के साथ ही साथ एक नवीन दृष्टिकोण का विकास किया जा सकता है।
कलमकारों यानी साहित्यकारों को भी कलम-दान करना एक नई पहल होगी। मेरा स्पष्ट मत है कि कलमदान अर्थात लेखनी का दान करना एक पुनीत कार्य है। आइए, हम सब मिल कर इस दिशा में कदम बढ़ाएँ।
छत्तीसगढ़ शासन से पंजीकृत राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान प्राप्त समिति- ‘छत्तीसगढ़ कलमकार मंच’ के संस्थापक एवं प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते भी हमारा संकल्प है कि मंच के आगामी कार्यक्रमों में कलम भेंट कर कलमकारों का स्वागत-सम्मान किया जाएगा। अब से ‘कलम-दान’ को एक पर्व के रूप में मनाया जाएगा।
आइए,
हम कलमकारों का सम्मान करें,
कलम वीरों को कलम-दान करें।
आपका अपना साथी
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
संस्थापक एवं प्रदेशाध्यक्ष
छत्तीसगढ़ कलमकार मञ्च।