वीरों की जय
पहले मन की गांठों को खोल
राष्ट्र की अस्मिता बड़ी अनमोल
बचाई है जिन्होंने देश की लाज
कलम आज उनकी जय बोल
आज कोई श्रृंगार मत लिखिए
सावन गीत, मल्हार मत लिखिए
वीर पुराण रच डालो दिल खोल
कलम आज उनकी जय बोल
धूल चटा देना बैरी को रण में
आस्तित्व मिला दो अब कण में
फिर से कर दी नैया डांवाडोल
कलम आज उनकी जय बोल
भारत का तन-मन रो रहा है
यह खुशनुमा चमन रो रहा है
सब समझो आजादी का मोल
कलम आज उनकी जय बोल
नाम बड़ा ही रहा हिन्दुस्तान का
दम निकल गया झूठी शान का
जिसने फोड़ा पाकिस्तानी ढोल
कलम आज उनकी जय बोल
बारूद से, गोली की बरसात से
डरे नहीं किसी भी झंझावात से
हौसला बढ़ाओ उनका दिल खोल
कलम आज उनकी जय बोल
गर्व है वीरों के बलिदानों पर
उन माओं पर और संतानों पर
जो समझाएं आजादी का मोल
कलम आज उनकी जय बोल
आहुति प्राणों की देकर आए हैं
माँ का चीर आज बचा लाए हैं
जिनका त्याग है बड़ा अनमोल
कलम आज उनकी जय बोल
देश को सींचा है सबने खून से
मान बचाया है अपने जुनून से
कुर्बानी को मजहब से न तोल
कलम आज उनकी जय बोल
अरशद रसूल