Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2023 · 1 min read

*”कलम की ताकत”*

“कलम की ताकत”
लेखनी जब कलमकारों के हाथों में चलती ,
तब आग की लौ लपेटे एक चिंगारी सी जलती ,
अंतर्मन तरंगों में ज्वाला धधकती हुई ,
जब शब्दों के तालमेल बैठा कुछ लिखने को मजबूर करती,
*कलम की पैनी धार विवश करती है।

कलम की ताकत एक गुनहगार को सजा सुनाती,
गुनहगार को मृत्युदंड होने पर कलम की नोंक (निब) तोड़ दी जाती।
कभी सलाहकार बन शिक्षण संस्थान में मंजिल तक पहुंचाती ।
कलम की ताकत अग्नि ज्वाला की तरह बन जाती।

कभी शब्दावली शिल्पकार मोती की तरह पिरोती,
शब्दों को जोड़ नव सृजन कर इतिहास बना जाती।
रामायण भागवत पुराण अनेक ग्रन्थो की रचना कर ज्ञान भंडार भर जाती।
*कलम की चिंगारी लोगों को सही दिशा बतलाती।

कलम जलती हुई मोमबत्ती की तरह जलती जाती,
तमस दूर कर जीवन लक्ष्य बना उजियाला फैलाती।
हाथों की उंगलियों में कलम की ताकत आजमाती।
*कलम सारी दुनिया भर को हाथों की मुठ्ठी में कैद कर जाती।

अंतर्मन में उठते तरंगों भावनाओं में उभरते हुए,
कुछ सोचने लिखने को मजबूर विवश हो जाते।
कभी आंखों की अश्रुधारा बहते हुए,
कभी हास परिहास खुशियों का पैमाना झलकाते।
*कलम स्वतंत्र विचारों को कोरे कागज पर उकेर जाते।

प्रकृति हॄदय विदारक घटनाओं को देख पिघलते,
शब्दों को आकार देते हुए जीवन आधार बना जाते।
शब्दों के तालमेल बैठा नया मोड़ जीवन लक्ष्य बनाते जाते।
विचार की लौ जलाकर सकारात्मक सोच ,उज्ज्वल भविष्य बना जाते।
*कलम की ताकत कामयाबी हासिल कर जीवन सफल बना जाते।
शशिकला व्यास शिल्पी✍️

Language: Hindi
1 Like · 188 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पर्दा हटते ही रोशनी में आ जाए कोई
पर्दा हटते ही रोशनी में आ जाए कोई
कवि दीपक बवेजा
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ प्रसंगवश :-
■ प्रसंगवश :-
*Author प्रणय प्रभात*
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
HAPPY CHILDREN'S DAY!!
Srishty Bansal
पुकार
पुकार
Dr.Pratibha Prakash
आलता-महावर
आलता-महावर
Pakhi Jain
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
संगीत
संगीत
Vedha Singh
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
Rahul Singh
मित्र होना चाहिए
मित्र होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
हमें सलीका न आया।
हमें सलीका न आया।
Taj Mohammad
श्रीमान - श्रीमती
श्रीमान - श्रीमती
Kanchan Khanna
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रकृति वर्णन – बच्चों के लिये एक कविता धरा दिवस के लिए
प्रकृति वर्णन – बच्चों के लिये एक कविता धरा दिवस के लिए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*देखो मन में हलचल लेकर*
*देखो मन में हलचल लेकर*
Dr. Priya Gupta
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
सत्य कुमार प्रेमी
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
Manoj Mahato
एक श्वान की व्यथा
एक श्वान की व्यथा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार
विजय कुमार अग्रवाल
शिव-स्वरूप है मंगलकारी
शिव-स्वरूप है मंगलकारी
कवि रमेशराज
आखरी है खतरे की घंटी, जीवन का सत्य समझ जाओ
आखरी है खतरे की घंटी, जीवन का सत्य समझ जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
एक गुलाब हो
एक गुलाब हो
हिमांशु Kulshrestha
देर तक मैंने आईना देखा
देर तक मैंने आईना देखा
Dr fauzia Naseem shad
यही तो मजा है
यही तो मजा है
Otteri Selvakumar
Loading...