कर
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बस हर दफा तू प्यार कर।
मत जीस्त को बेज़ार कर।
वो जा रहा है देख लो,
चाहत मेरी दुत्कार कर।
खुशियों की लिख तू दास्तां
जीवन नया संवार कर।।
होशो-हवाश उड़ गये,
अँखियाँ उन्हीं से चार कर।
है चार दिन की ज़िंदगी,
ना इसको ज़ार-ज़ार कर।
हसरत अगर दिदार की
तू भी नज़र से वार कर।
नीलम तू जो ना कह सकी
उस बात का इकरार कर।
नीलम शर्मा ✍️