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6 Sep 2024 · 1 min read

कर (टैक्स) की अभिलाषा

कर (टैक्स) की अभिलाषा
♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️
रोटी कपड़ा और मकान
दाना पानी जीवन दान
भूख प्यास एक समान
पेट भरा तो सब सुहाता

भूखे भजन होता ना कभी है
रोजी रोजगार सबकी जरूरत
अर्थ व्यवस्था से देश पहचान
विकास परिवर्तन का आधार

टैक्स दौड़ाता विकास पटरी पे
आपदा विपदा राहत प्रबंधन में
एक सहारा बनता टैक्स महान
कर चुका कर जीवन परिवर्तन

जी .एस .टी एस .एस .टी ही
सबल जनतंत्र का बीजक मंत्र
जिससे सृजित देश अभिमान
कर चुकाना सबका अधिकार

कर देने का जो करता काम
महापुण्य बड़ा कोई ना धाम
जन जन दुःखियो का इससे
बड़ा ना जग में कोई सहारा

कर है जनगण भाग्य विधाता
टैक्स चुका जीना सहज है
टैक्स चुराना बड़ा पातक है
जीवन का भी बड़ा घातक है

छिपे छिपाये छिपता ना कर
इनकम टैक्स छापा अतिकष्ट
बदनामी माथे का टीका चंदन
फ्री नहीं जो घस ले जग नंदन

तह धन तहक्किकात करेगा
कालाधन निकाल फेंकेंगा
सर्वस्व लुटा सलाखों में रख
मुकदम्मा पर मुकदम्मा चलेगा

टैक्स समय पर चुका रोजगारी
औरों का भी दूर करें बेराजगारी
समृद्ध देश बनने में दें भागीदारी
निज जीवन को हम करें सुरक्षित

दूजे जीवन-शैली को कर समर्पित
पूरी करें हम कर की अभिलाषा
सपना करें साकार भारत का ।
♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️♦️

टी.पी.तरुण

Language: Hindi
100 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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