कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
फिर कैसा अभिमान ज्ञान का।
कर न सके जन में स्व जागृत,
क्या मतलब फिर स्वाभिमान का।
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
फिर कैसा अभिमान ज्ञान का।
कर न सके जन में स्व जागृत,
क्या मतलब फिर स्वाभिमान का।