Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2022 · 4 min read

कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग

कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
———————————————–
रामपुर के सार्वजनिक जीवन में सर्वाधिक सक्रिय तथा प्रभावशाली व्यक्तियों की अगर गिनती की जाए तो उसमें निश्चय ही श्री शिव हरि गर्ग का नाम सबसे ऊपर रहेगा । उनकी कर्मठता के क्या कहने ! पूरी तरह समाज को समर्पित व्यक्तित्व ! आज उनके न रहने से जो अभाव और खालीपन पैदा हुआ है ,वह एक न एक दिन भर तो जरूर जाएगा लेकिन फिर भी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।
अपने पिता स्वर्गीय श्री देवीदयाल गर्ग की तरह ही उनमें कर्मठता का भाव विरासत में प्राप्त हुआ था। जहाँ एक ओर रामलीला के कार्य को देवी दयाल जी ने पूरी क्षमता और मनोयोग से हाथ में लेकर उसे उच्च शिखर पर पहुँचाया, उसी तरह यह कहना गलत न होगा कि शिव हरि गर्ग जी ने उस कार्य में मानो चार चाँद ही लगा दिए। रामलीला के विशाल भूखंड को आपने उपयोग की दृष्टि से देखा – परखा तथा एक नया सामाजिक कार्यक्रम रामलीला पब्लिक इंटर कॉलेज उसी स्थान पर खड़ा कर दिया । आज यह रामपुर की एक सुंदर तथा सक्रिय संस्था है। इसी तरह रामलीला के दर्शकों के लिए जहाँ अनेक दशक पूर्व लोहे की कुर्सियाँ बिछाकर रामलीला देखने की नई परिपाटी आपके पिताजी श्री देवी दयाल गर्ग जी के समय में आरंभ हुई थी और जो कि आसपास के जनपदों की दृष्टि से भी नयापन लिए थी, आपने उसमें एक चमत्कारी रूप से अनूठापन लाते हुए “उत्सव पैलेस” की परिकल्पना को ही साकार कर दिया। यह “उत्सव पैलेस” रामलीला के दर्शकों के लिए तथा रामलीला – मंडली के के लिए जहाँ एक ओर बहुत बड़े रामलीला – कक्ष के रूप में उपयोग में आया ,वहीं दूसरी ओर इसका लाभ रामपुर में होने वाले सामाजिक , राजनीतिक , सांस्कृतिक आदि कार्यक्रमों के लिए एक सुसज्जित सभा – कक्ष उपलब्ध होने के लिए भी होने लगा । आज इतना बड़ा ढका हुआ हॉल रामपुर शहर में तो क्या आसपास भी कोई दूसरा मुश्किल से ही नजर आएगा ।
रामलीला मैदान का इस तरह जो सदुपयोग हुआ ,उसके लिए श्री शिव हरि गर्ग जी को हमेशा याद किया जाता रहेगा । उत्सव पैलेस इतना सुंदर स्थान बन गया कि शादी – ब्याह के लिए भी यह उपयोग में आने लगा । आपने इसके प्रथम तल पर अनेक कमरे बनवाए तथा इस प्रकार विवाह में इसकी उपयोगिता बहुत बढ़ गई । बारिश के दिनों में जहाँ अच्छे से अच्छे होटल तक में दिक्कत और परेशानी पैदा हो जाती है ,वहाँ उत्सव पैलेस का सभागार मानो भगवान कृष्ण की उंगली पर टिका हुआ गोवर्धन है, जहाँ वर्षा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
श्री शिव हरि गर्ग का यह मिलनसार तथा सामाजिक व्यवहार ही था जिसने उन्हें सबका प्रिय बना दिया तथा उनके कार्यों में पूरा समाज अपनी शुभकामनाएँ उनके साथ लेकर खड़ा हो जाता था । इस तरह अद्भुत परिकल्पनाओं तथा उन को साकार करने की दृष्टि से आपका समाज में अद्भुत स्थान था। जिन चीजों को सोचा तक नहीं जा सकता था ,आपने उनकी परिकल्पना की और उन्हें साकार रूप दिया। एक प्रकार से जंगल में उत्सव पैलेस आपने खड़ा कर दिया था। यह प्रारंभ होने तक एक कठिन विचार जान पड़ता था।
आप एक कुशल प्रशासक भी थे ।जहाँ एक ओर आपके स्वभाव में मृदुता थी, वहीं दूसरी और अनुशासन की दृष्टि से जो कठोरता होनी चाहिए तथा कठिन निर्णय लेने की सामर्थ्य जरूरी होती है ,वह आप में बखूबी विद्यमान थी। मैंने अनेक अवसरों पर आपको बहुत सख्ती के साथ अनुशासन के पक्ष में विचार व्यक्त करते हुए देखा है। बिना इसके इतनी बड़ी संस्थाओं को न केवल खड़ा कर देना बल्कि उनको सफलतापूर्वक चलाते रहना संभव नहीं हो सकता था।
अंत तक आप सक्रिय तथा विचारों से आशावादी थे। इसी आशावादिता के कारण आपने संपूर्ण समाज का सहयोग तथा शुभकामनाएँ अर्जित कीं। सबके प्रिय बने। जब 19 सितंबर 2020 शनिवार को प्रातः 9:30 शव – यात्रा वाहन आपके आदर्श कॉलोनी सिविल लाइंस स्थित नए निवास से आपका पार्थिव शरीर लेकर अंतिम संस्कार के लिए रवाना हुआ, तो वहाँ कोरोना – काल में भी एक सौ से अधिक प्रशंसक , मित्र तथा सामाजिक कार्यकर्ता नम आँखों से आपको अंतिम प्रणाम करने के लिए उपस्थित थे। सबकी जुबान पर एक ही बात थी कि अरे ! आप तो बिल्कुल ठीक चल रहे थे । श्री दिनेश कुमार अग्रवाल सर्राफ (श्री विष्णु शरण सर्राफ के छोटे भाई ) कह रहे थे कि “कल शाम ही तो 6:00 बजे मेरी उनसे बात हुई थी । बिल्कुल ठीक थे। ” अंत तक जो लोग सक्रिय रहते हुए संसार से चले जाते हैं ,उनके बारे में सब की ऐसी ही अवाक रह जाने वाली स्थितियाँ होती हैं। श्री शिव हरि गर्ग अनंत में विलीन हो गए लेकिन उनकी प्रेरक स्मृतियाँ सदैव जीवित रहेंगी। उन्हें शत-शत प्रणाम ।
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
निवेदक : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

1058 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

कुर्बानी!
कुर्बानी!
Prabhudayal Raniwal
गिरगिट सी दुनिया
गिरगिट सी दुनिया
Sonu sugandh
आपका इंतज़ार
आपका इंतज़ार
Dr fauzia Naseem shad
चचहरा
चचहरा
कुमार अविनाश 'केसर'
कविता
कविता
Nmita Sharma
मानवता का मुखड़ा
मानवता का मुखड़ा
Seema Garg
"पहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
स्त्री बाकी है
स्त्री बाकी है
Arun Prasad
******* प्रेम और दोस्ती *******
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कविता
कविता
Rambali Mishra
तुम बिखेरो मुझे जी भरकर,
तुम बिखेरो मुझे जी भरकर,
लक्ष्मी सिंह
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
इश्क तो कर लिया कर न पाया अटल
इश्क तो कर लिया कर न पाया अटल
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आज, तोला चउबीस साल होगे...
आज, तोला चउबीस साल होगे...
TAMANNA BILASPURI
मोलभाव
मोलभाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संवेदना
संवेदना
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
इस शहर में
इस शहर में
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
तुम आओगे इक दिन इसी उम्मीद में हम दर को देखते हैं,
तुम आओगे इक दिन इसी उम्मीद में हम दर को देखते हैं,
Jyoti Roshni
गौर किया जब तक
गौर किया जब तक
Koमल कुmari
42...Mutdaarik musamman saalim
42...Mutdaarik musamman saalim
sushil yadav
काव्य
काव्य
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
#रे मन तेरी मेरी प्रीत
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
👍👍
👍👍
*प्रणय*
दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जो बातें कही नहीं जातीं , बो बातें कहीं नहीं जातीं।
जो बातें कही नहीं जातीं , बो बातें कहीं नहीं जातीं।
Kuldeep mishra (KD)
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
उम्मीदें और रिश्ते
उम्मीदें और रिश्ते
पूर्वार्थ
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . . . गर्मी
दोहा पंचक. . . . . गर्मी
sushil sarna
Loading...