#कुंडलिया//दोस्ती
दोस्ती करके रात की , सुबह गया वो रूठ।
क़समें वादे प्यार सब , निकले उसके झूठ।।
निकले उसके झूठ , नहीं पर हँस पाएगा।
तोड़ा जो विश्वास , यही उसे रुलाएगा।
सुन प्रीतम की बात , रखो सच ऊँची हस्ती।
जाएँ चाहे प्राण , निभाओ पर तुम दोस्ती।
#आर.एस. ‘प्रीतम’