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4 Jul 2018 · 1 min read

#कुंडलिया//दोस्ती

दोस्ती करके रात की , सुबह गया वो रूठ।
क़समें वादे प्यार सब , निकले उसके झूठ।।
निकले उसके झूठ , नहीं पर हँस पाएगा।
तोड़ा जो विश्वास , यही उसे रुलाएगा।
सुन प्रीतम की बात , रखो सच ऊँची हस्ती।
जाएँ चाहे प्राण , निभाओ पर तुम दोस्ती।

#आर.एस. ‘प्रीतम’

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