करोना का ब्याह ( हास्य व्यंग काव्य )
ओ करोना! चल तेरा ब्याह करवा दें ,
सुंदर सी तेज़ दुल्हनिया तुझे दिलवा दें ।
ऐसी दुल्हनिया जो चलाए ऐसा जादू ,
सुध बुध तेरा छीनकर करे तुझपे काबू ।
तू सेर है तो सवा सेर तेरी दुल्हन ढूंढेंगे ,
तुझे नाच नचाने वाली हंटरवाली ढूंढेंगे ।
बड़ा शेर बनता है निकल जायेगी अकड़ ,
भूलेगा हमें सताना जब शेरनी लेगी जकड़ ।
ना जी सकेगा ,ना मर सकेगा होगा ऐसा हाल ,
गृहस्थी की चक्की में पीसकर होगा तू बेहाल ।
करके ब्याह तेरा तुझे भेज देंगे वापिस चाइना,
अपने जन्म दाता के साथ वही जीना – मरना ।
एहसान मानेगा जिनपिंग भेजी बहु बेटे के साथ ,
हमें बहुत सताया अब करना उससे भी दो-दो हाथ ।
करो चाहे परस्पर दो दो हाथ,पर छोड़ो हमारी जान,
तेरी शादी कर तुझसे पल्ला झाड़ना हमारा अरमान।
खुदाया ! यह अरमान हमारा काश पूरा हो जाए,
बस किसी तरह करोना -करोनी का ब्याह हो जाए।