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13 Dec 2022 · 1 min read

करोगे याद मुझको मगर

चाहे कुछ भी मुझे समझो, करोगे याद मुझको मगर।
मेरी नसीहत मेरी मोहब्बत, मेरी वफ़ा मेरा जिगर।।
चाहे कुछ भी मुझे समझो————–।।

मेरा मकसद रहा ही नहीं, तुमको बदनाम करना दोस्त।
खुशियां चाही सदा तेरी, मेरी खुशियों से भी बढ़कर।।
चाहे कुछ भी मुझे समझो————–।।

आता है किसको मजा ऐसे, खुद के आँसू बहाने में।
रोये जब तुम तो मैं रोया, नहीं था तुमसे बेखबर।।
चाहे कुछ भी मुझे समझो————-।।

सितम कौन सहेगा तुम्हारे, मेरी तरहां इतने ऐसे।
फिर भी तारीफ तुम्हारी की, जान तुमको समझकर।।
चाहे कुछ भी मुझे समझो————–।।

याद करना फुरसत में, बेकसूर तुम भी नहीं थे।
मेरी मोहब्बत सच्ची है, मकसद मेरा है पवित्र।।
चाहे कुछ भी मुझे समझो—————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
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