Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

करार दे

बेकरार दिल को मुसलसल करार दे
———————
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परीशां संवार दे ।।।।।।
दरया-ए-ग़म में डूबी हूं मुझको उभार दे

उतरे न ता हयात कभी नश्श-ए-ख़ुलूस।।।।।।।
ऐसी शराब दे मुझे जो ग़ज़ब का ख़ुमार दे

जी चाहता है आपके माथे को चूम लूं।।।।।
मेरे तू इस ख्याल को पुख्ता क़रार दे

वह ग़म मुझे हर एक खुशी से अज़ीज़ है।।।।।।
जो बेकरार दिल को मुसलसल क़रार दे

मुझको भुला न दें कहीं हालात-ए-ज़िंदगी।।।।
ऐ दूर जाने वाले कोई यादगार दे

उल्फत का हक अदा तेरी कर दूंगी मैं ज़रुर।।।।।।
लेकिन यह शर्त है कि तू मुझे भी हिसार दे

कितनी हसीन तर है यह जलती हुई शमा।।।।।।।।,
हाथों से छू लूं काश मुझे अख्तियार दे

शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 90 Views

You may also like these posts

****वो जीवन मिले****
****वो जीवन मिले****
Kavita Chouhan
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
Acharya Rama Nand Mandal
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सख्त बनो
सख्त बनो
Dheerja Sharma
*
*"नमामि देवी नर्मदे"*
Shashi kala vyas
दिये को रोशननाने में रात लग गई
दिये को रोशननाने में रात लग गई
डॉ. दीपक बवेजा
4176.💐 *पूर्णिका* 💐
4176.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
Rj Anand Prajapati
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
Harminder Kaur
*मुट्ठियाँ बाँधे जो आया,और खाली जाएगा (हिंदी गजल)* ____________
*मुट्ठियाँ बाँधे जो आया,और खाली जाएगा (हिंदी गजल)* ____________
Ravi Prakash
विजय - पर्व संकल्प
विजय - पर्व संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
Dr fauzia Naseem shad
उठाएँगे
उठाएँगे
Kunal Kanth
जाय फिसल जब हाथ से,
जाय फिसल जब हाथ से,
sushil sarna
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
Shweta Soni
#काश मुझसे ना मिलते तुम
#काश मुझसे ना मिलते तुम
पूर्वार्थ
जवान और किसान
जवान और किसान
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Agarwal
"सबके हित के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
सांसारिक जीवन के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है और आंतरिक जीव
सांसारिक जीवन के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है और आंतरिक जीव
Ravikesh Jha
*सामयिक मुक्तक*
*सामयिक मुक्तक*
*प्रणय*
जीवन में न तो कोई अंतिम हार है और न ही कोई अंतिम जीत। अतः मु
जीवन में न तो कोई अंतिम हार है और न ही कोई अंतिम जीत। अतः मु
PRADYUMNA AROTHIYA
"एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
Har Ghar Tiranga
Har Ghar Tiranga
Tushar Jagawat
ନବଧା ଭକ୍ତି
ନବଧା ଭକ୍ତି
Bidyadhar Mantry
बाजार  में हिला नहीं
बाजार में हिला नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
कहानी
कहानी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...