करवा चौथ (गीत)
करवाचौथ गीत
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धवल चाँदनी में हम दोनों ने मिल चाँद निहारा
(1)
हल्की-हल्की मानों घुँघरू की रुनझुन होती थी
सुध- बुध बरस रही अमृत रस वर्षा में खोती थी
शांत मौन कुछ कहता था शशि का सुंदर उजियारा
धवल चाँदनी में हम दोनों ने मिल चाँद निहारा
(2)
फिर धीरे से कहा चाँद ने गाथा बहुत पुरानी
सदियों से चल रही धरा पर उज्जवल प्रेम कहानी
भरा प्रेमरस मैंने ही प्रेमी ह्रदयों में प्यारा
धवल चाँदनी में हम दोनों ने मिल चाँद निहारा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615451