Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2017 · 1 min read

== करना ही होगा ==#

*** करना ही होगा ***

न जाने हम अपने धर्म को कितना जानते हैं आजकल।
उसके विषय पर बात करना हंसी-खेल मानते हैं आजकल।
देवी-देवताओं के कार्टून बनाते हैं
और आरतियों भजनों की पैरोडी,
व्हाटस एप, फेसबुक पर अनर्गल चित्र व चलचित्र दिखाते हैं आजकल।
भगवान् को हास्य व्यंग्य का एक पात्र, दिखाते हैं आजकल।
क्या किसी भी धर्म के अनुयायी
इस तरह का अधम कृत्य करते हैं,
स्व धर्म के लिए??
या किसी अन्य को भी इस तरह का, अधिकार देते हैं??
नहीं ना?
यह सही है उनका कृत्य,
अपने धर्म का सम्मान व रक्षा के लिए।
हमें समझनी होगी अपने धर्म की अहमियत।
क्यों कि हम अपने धर्म को इज्जत देना,
बिसरा चुके हैं आजकल।
आप ही स्वयं को अपनी नजरों में,
गिरा चुके हैं आजकल।

—-रंजना माथुर दिनांक 20/08/2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना)
©

Language: Hindi
403 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
Shashi kala vyas
मगरूर क्यों हैं
मगरूर क्यों हैं
Mamta Rani
सबला नारी
सबला नारी
आनन्द मिश्र
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
Phool gufran
सफल सिद्धान्त
सफल सिद्धान्त
Dr. Kishan tandon kranti
चंद्रयान-थ्री
चंद्रयान-थ्री
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
তার চেয়ে বেশি
তার চেয়ে বেশি
Otteri Selvakumar
*चांद नहीं मेरा महबूब*
*चांद नहीं मेरा महबूब*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दोस्त
दोस्त
Pratibha Pandey
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
किताबे पढ़िए!!
किताबे पढ़िए!!
पूर्वार्थ
आओ बुद्ध की ओर चलें
आओ बुद्ध की ओर चलें
Shekhar Chandra Mitra
अमृतकलश
अमृतकलश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हर मोड़ पर ,
हर मोड़ पर ,
Dhriti Mishra
आप
आप
Bodhisatva kastooriya
👌ग़ज़ल👌
👌ग़ज़ल👌
*Author प्रणय प्रभात*
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
Anil "Aadarsh"
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
राज़ की बात
राज़ की बात
Shaily
चूड़ियाँ
चूड़ियाँ
लक्ष्मी सिंह
खेत -खलिहान
खेत -खलिहान
नाथ सोनांचली
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
=====
=====
AJAY AMITABH SUMAN
2798. *पूर्णिका*
2798. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
क्या वैसी हो सच में तुम
क्या वैसी हो सच में तुम
gurudeenverma198
Loading...