करते रहो सितम।
करते रहो सितम हम उफ ना करेंगे।
पर गैर बनने की सोची तो चुप ना रहेंगे।।1।।
खुद से ज्यादा चाहते है हम तुमको।
जरा सी नफरत तुम्हारी सह ना सकेंगे।।2।।
तुम नहीं तो किस काम की दुनियां।
तुम्हारे बिना जहां में हम रह ना सकेगें।।3।।
हम है हिंदुस्तानी हमें ना तुम छेड़ो।
अपने पे आए तो सरों पे धड़ ना रहेगें।।4।।
इतना ना बहकाओ लोगो को ऐसे।
खाक होंगी बस्तियां कहीं घर ना बचेंगें।।5।।
कुदरत से ऐसे ना करो खिलवाड़।
वर्ना शजरों में फिर कहीं फल ना उगेंगें।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ