Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2020 · 1 min read

करती है!

एक नज़्म आपके नज़र

इश्क के, आगोश में, खामोश वक़्त,

मुकर्रर, उकुबत को, कबूल करती है ।

यह जज़्बात है ,इश्क के जानिब से

ख्याल बारहा हमको स्थूल करती है।

इंसानी फितरत है ,करिश्मा तकाज़ा,

जो भी हो खैर सब फिजूल करती है ।

जिस के नाम से ,बदनाम होते हैं लोग,

इश्क है इसी तरह मकबूल करती है।

हमें अब तो, हवाले कर हवाओं के

सहजादी कुछ यूं वसूल करती है।

रोज छोड़े जाती है इक लिबास छत पर

बार बार वो इतनी सी भूल करती है।।

आब ओ हवा जहर को बसाया ऐसे

कि जिस्म से लगते ही शूल करती है।

उसके आते ही खिल जाती है बहारे

क्या मौसम भी ईश्क कबूल करती है।

दीपक झा रुद्रा

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 431 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Bundeli doha -kurta
Bundeli doha -kurta
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#आध्यात्मिक_रचना-
#आध्यात्मिक_रचना-
*प्रणय*
यूं तेरे फोटो को होठों से चूम करके ही जी लिया करते है हम।
यूं तेरे फोटो को होठों से चूम करके ही जी लिया करते है हम।
Rj Anand Prajapati
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
এটাই সফলতা
এটাই সফলতা
Otteri Selvakumar
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
Manisha Manjari
***
***
sushil sarna
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
हालातों से युद्ध हो हुआ।
हालातों से युद्ध हो हुआ।
Kuldeep mishra (KD)
3164.*पूर्णिका*
3164.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"नहीं तैरने आता था तो"
Dr. Kishan tandon kranti
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
पंकज परिंदा
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
शीर्षक - चाय
शीर्षक - चाय
Neeraj Agarwal
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
सिंदूर..
सिंदूर..
Ranjeet kumar patre
किसी के वास्ते इसे
किसी के वास्ते इसे
Dr fauzia Naseem shad
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
* इस तरह महॅंगाई को काबू में लाना चाहिए【हिंदी गजल/ गीति
* इस तरह महॅंगाई को काबू में लाना चाहिए【हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
CISA Certification Training Course in Washington
CISA Certification Training Course in Washington
mayapatil281995
में स्वयं
में स्वयं
PRATIK JANGID
चलो हम तो खुश नहीं है तो ना सही।
चलो हम तो खुश नहीं है तो ना सही।
Annu Gurjar
बचपन
बचपन
Shashi Mahajan
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
६४बां बसंत
६४बां बसंत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...