करके’ जादू असर गया कोई
करके’ जादू असर गया कोई ।
उसकी’ खुशबू से’ भर गया कोई ।।
सोच की हद नहीं हुआ करती ;
यूँ ही’ तारों के’ घर गया कोई ।
शह्र में आज ये ही’ चर्चा है ;
कत्ल नजरों से’ कर गया कोई ।
जिसको हँसना सिखाया था हमने ;
अश्क आँखों में भर गया कोई ।
मुझको’ देके नशा मो’ह्ब्बत का ;
आज खुद से मुकर गया कोई ।
बस उसी को नहीं खबर है ‘स्मित’ ;
उसकी’ यादों में’ मर गया कोई ।
राहुल द्विवेदी ‘स्मित’